आसमान में जब पंख फैलाऊं,
हर दर्द को फिर भुलाऊं।
ख्वाबों में जब उड़ने निकलूं,
हर मंज़िल को पास पाऊं।
जो रुका है, वो चलते जाएंगे,
जो डूबे थे, वो तैरते आएंगे।
इसी धड़कन से गूंजेगी दुनिया,
जब सपनों में विश्वास पनपेंगे।
वक्त की रेत पर नाम लिखूं,
उसे हवा से भी बचाऊं।
जीवन को इस तरह जियूं,
जैसे हर लम्हे में खुशियां समाऊं।
आंधी हो या फिर तूफ़ान,
मैं डट कर खड़ा रहूं हर दिन।
जो चाहे, वो करूं,
बस सपनों को सच करूं।
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