उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित Mahakumbh 2025 इन दिनों न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से बल्कि अंतरराष्ट्रीय ध्यान के केंद्र में भी है। इस बार की खास बात यह है कि दिवंगत Apple सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी, लॉरेन पॉवेल जॉब्स, Mahakumbh 2025 में शामिल होने के लिए भारत आई हैं। उनके इस आगमन ने 1974 में स्टीव जॉब्स द्वारा लिखे गए एक पत्र को चर्चा में ला दिया है, जिसमें उन्होंने कुंभ मेले में भाग लेने की अपनी इच्छा व्यक्त की थी। यह पत्र हाल ही में 5,00,312 अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹4.32 करोड़) में नीलाम हुआ।
Steve Jobs का पत्र: भारत के प्रति आकर्षण और आध्यात्मिक खोज –
Steve Jobs ने अपने 19वें जन्मदिन, 23 फरवरी 1974 को, अपने बचपन के मित्र टिम ब्राउन को यह पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने लिखा:
“I’m now living on a farm in the mountains between Los Gatos and Santa Cruz. I want to visit India for the Kumbh Mela, which starts in April. I plan to go sometime in March, though it’s not finalized yet.”
उन्होंने पत्र के अंत में लिखा, “शांति, Steve Jobs,” जो उनकी आंतरिक शांति और आध्यात्मिक खोज की तीव्र इच्छा को दर्शाता है।
Laurene Powell Jobs : एक अधूरी इच्छा को पूरा करने का प्रयास
2025 में, Steve Jobs की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स ने 40 सदस्यीय टीम के साथ महाकुंभ में भाग लिया। माना जा रहा है कि यह यात्रा उनके पति की अधूरी इच्छा को पूरा करने का प्रयास है।
Mahakumbh 2025 में आने पर उनके गुरु स्वामी कैलाशानंद ने उन्हें ‘कमला’ नाम का आध्यात्मिक नाम दिया। उन्होंने ध्यान, क्रिया योग और प्राणायाम जैसी प्रथाओं में भाग लिया। हालांकि, मकर संक्रांति के दिन भारी भीड़ के कारण हुई एलर्जी के चलते उन्होंने संगम में डुबकी नहीं लगाई।
आध्यात्म और आधुनिकता का संगम
लॉरेन पॉवेल जॉब्स का Mahakumbh में आगमन इस बात का प्रतीक है कि भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर विश्व स्तर पर कितनी प्रभावशाली है। यह यात्रा आध्यात्मिकता और आधुनिकता के अद्भुत संगम को दर्शाती है।
कुंभ मेले में दुनियाभर के लोग आस्था और शांति की तलाश में आते हैं। लॉरेन का आगमन दर्शाता है कि यह आयोजन न केवल भारतीयों के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक प्रेरणा है।
Mahakumbh 2025 : श्रद्धा और आस्था का महासंगम
13 जनवरी 2025 से शुरू हुए इस Mahakumbh में अब तक 5.15 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके हैं। यह आयोजन 26 फरवरी तक चलेगा, और इसमें 40 करोड़ से अधिक लोगों के शामिल होने की संभावना है।
गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती के संगम पर आस्था का यह मेला हर बार अपने भव्य आयोजन से लाखों लोगों को जोड़ता है। इस बार के कुंभ में सुरक्षा और प्रबंधन के लिए आधुनिक तकनीकों का भी सहारा लिया गया है, जिससे यह आयोजन और भी खास बन गया है।
स्टीव जॉब्स और भारत के प्रति उनका आकर्षण
Steve Jobs का भारत के प्रति आकर्षण किसी से छिपा नहीं है। 1970 के दशक में उन्होंने भारत की आध्यात्मिकता से प्रेरित होकर यहां यात्रा की थी। उनकी यह यात्रा उनके विचारों और दर्शन को गहराई से प्रभावित करने वाली साबित हुई।
Steve Jobs अक्सर कहते थे कि भारत की यात्रा ने उन्हें सरलता और न्यूनतमता का महत्व सिखाया, जो बाद में एप्पल के डिज़ाइन दर्शन का प्रमुख हिस्सा बना। उनका कुंभ मेले में शामिल होने का सपना उनके इस आकर्षण का हिस्सा था।
महाकुंभ पर अंतरराष्ट्रीय ध्यान
लॉरेन पॉवेल जॉब्स के आगमन ने Mahakumbh 2025 को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक चर्चा का विषय बना दिया है। यह इस बात का प्रमाण है कि भारत की आध्यात्मिक धरोहर सीमाओं से परे जाकर लोगों को आकर्षित करती है।
इस बार के Mahakumbh में आधुनिक व्यवस्थाओं का भी ध्यान रखा गया है। भीड़ प्रबंधन के लिए ड्रोन निगरानी, जैविक शौचालय और डिजिटल तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। यह आयोजन परंपरा और आधुनिकता का अनूठा मेल है।
निष्कर्ष
Mahakumbh 2025 केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह मानवता, विविधता और आंतरिक शांति की खोज का उत्सव है। लॉरेन पॉवेल जॉब्स की उपस्थिति ने इस आयोजन को एक नई ऊंचाई दी है।
Steve Jobs का 1974 का पत्र हमें यह याद दिलाता है कि कुंभ मेला न केवल धार्मिक, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी प्रेरणा का स्रोत है। जैसे-जैसे लाखों लोग इस आयोजन में भाग ले रहे हैं, यह मेला हमें जोड़ने, समझने और जीवन के गहरे अर्थ को तलाशने की प्रेरणा देता है।
महाकुंभ 2025 न केवल भारत की समृद्ध परंपराओं का प्रतीक है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर एकता और शांति का संदेश भी देता है।